एमएएस के हिस्से के रूप में, यूरोपीय संघ कुछ वस्तुओं पर सीमा शुल्क रियायतों की मांग कर रहा था. ये भारत को स्वीकार्य नहीं था
कोवीशील्ड के पास EU में मार्केटिंग ऑथराइजेशन नहीं है और ये बड़ी अड़चन साबित हो रहा है. कोवैक्सीन लगाने वालों को भी ट्रैवल में मुश्किल हो रही है.